Tuesday, August 2, 2011

दुआ


ले के आज तेरा नाम
हमने हाथ उठा दिया
माँगा कुछ तेरी वफ़ा
और कुछ तेरी बेवफाई के नाम

1 comment:

  1. वो बेवफ़ा सही, सनम मेरा तो है,
    दिल दुखे तो क्या...दुखता रहे !

    जब माँग ही रही हैं तो जी भर कर माँगिये; दुआ कभी कभी ही कुबूल होती है; क्या पता कब असर कर जाय !

    पर बहुत पहले कुछ और भी सुना था:

    वो बड़ा रहीम-ओ-करीम है..मुझे ये सिफ़त भी अता करे..
    तुझे भूलने की दुआ करूं, तो दुआ में मेरी असर न हो..

    ReplyDelete